लफ्ज़ कम पड़ गए मेरे
उसके इशारों के सामने।
मैं बोल ना पाया
जो पूरी रात सोचा था
उसकी नशीली आंखों के सामने।

उठती नहीं नजरें उसकी
शर्म से जब लाल होती है।
मेरा दिल जोर से धड़कता है
जब वो मेरे साथ होती है।
कहने को तो वो बहुत मासूम है
पर नगाहें उसकी वार करती हैं।
दिल चैन मेरा लूट कर
यही सितम बार बार करती हैं।
दिल के धड़कने का
तेरी आंखों से हसीन रिश्ता है।
तू जब हंसती है तो मैं हंसता हूं
तेरे रोने पर, सांस मेरी थमती है।
नज़रों से उसके
शर्म और हवा बहती है।
आंसूओं से उसकी
मासूमियत कहती हैं।

कैसे कोई इन आंखों को
आंसू दे सकता है।
जो हंस कर मोती बिखेरते हैं
और रो कर सैलाब।
मेरी जान की आंखें
गहरी बहुत हैं।
मेरे सारे राज उसने
कुछ यूं छिपाए हैं
मेरी हमराज भी रही है
मुझे आइना भी दिखाया है।
गहरी काली आंखें
जब देखती हैं मुझे
मेरा दिल मानो
थम सा जाता है।
नशीली इतनी है
मेरा जहां जैसे
रुक सा जाता है।
इकरार वो अपनी आंखो से करती है
इज़हार भी अपनी आंखो से करती है।
मैं शब्दों में जो बोल नहीं पाता
वो सब बातें अपनी आंखो से करती है।
दूब सा जाता हूं
उसकी आंखों में।
जब वो मुस्कुराती है तो
आंखें उसकी चमकती है।
दिल मेरा बैठ जाता है
उसकी आंखों में
आंसू देख कर।
खुश भी हो जाता हूं
मैं उसकी एक मुस्कान
को देख कर।
वो आंखें जिन्हें देख कर
मैं खो जाता हूं।
जिनकी गलियों का
मैं मुसाफिर बना हूं।
आंखें बार बार उसकी
कुछ पूछती हैं मुझसे।
क्यूं उन्हें देख कर
भटक जाता हूं।
उन्हीं की राहों में
दिल मैं अपना हारा हूं।
डूब रहा हूं मैं
एक गहरे नीले समंदर में
जहां नीलापन तेरी आंखो का
और पानी प्यार का है।
मुझे तैरना नहीं है
ना ही किसी छोर पर जाना है।
इकरार और इजहार
बस करना आज ही है।
तेरी झील सी आंखों में
मुझे डूबना बस आज ही है।
कैसे इतनी मासूम अदाएं है तेरी
झलक देख लूं एक,
यही दुआएं हैं मेरी।
आंखे तेरी मोती सी चमकती है
इन्हीं में दिखती मुझे
दुनिया है मेरी।
तेरे होंठों ने जो बात छुपाई है
तेरी आंखों ने वो चुपके से बताई है।
राज दफन कर ले सीने में हज़ार
तेरी आंखों ने हर एक सच्चाई बताई है।
मेरे दिल का फूल कोई
चुरा के ले गया
अपनी नशीली आंखों से
मुझे बहका कर ले गया।
इंतेज़ार में उसके
कितनी रातें बीता दी।
मेरे दिल ने सदके में
सारी उम्मीदें लुटा दी।
कुसूर तो उसकी आंखों का था
जिन पर मैंने अपनी
दुनिया लुटा दी।
पढ़ कर आंखें उसकी
मैंने एक ख्वाब सजा लिया।
जो दूर था मुझसे
उस चांद को अपना बना लिया।
दिल की बातें सारी
वो आंखों से करती है।
कहने से कुछ वो
कहां डरती है।
पर दुनिया से शर्म कर
थम जाती है जुबान
तब वो अपनी
आंखों से बात करती है।
कैद में रहता हूं मैं
इश्क़ के तेरे।
दिल ने तेरे लगाए हैं
मुझ पर कितने पहरे।
कभी और भटक ना जाऊं
इसलिए तेरी आंखें मुझे घेरे।
राहत है तू
चाहत है तू
मेरी इबाबत भी तू
मेरी शराफत भी तू।
तेरी नजरें मुझे
अपनी गिरफ्त में रखती हैं
कितना मैं कोशिश करूं
आजाद होने की
ये मुझे अपने में
खोया हुआ रखती हैं।
कोई दीवाना नहीं मैं
आशिक़ हूं तेरी अदाओं का।
तुझे दुनिया से छुपाके रखूंगा
कायल हूं तेरी इन आंखों का।
मेरे भटकते इस मन को
बस तेरा ही सहारा है।
ये दिल तेरा गुलाम
तेरी इन आंखों का मारा है।
राहों में अपनी
मुझे मंजिल मिल गई।
तेरे नाम से जिंदगी
आंखों से दिशा मिल गई।
रूहानियत तेरी आंखों में
कुछ यूं झलकती है।
मैं बैठा रहता हूं दिन भर
तुझे देखता हुए
फिर भी ये आशिकी
बस तेरे लिए तरसती है।
होंठों पे हंसी
कुछ यूं थिरकती है।
मैं ठहर जाता हूं
और तू मुस्कुराती है।
आंखें शबनमी तेरी
मेरे दिल को सुकून देती हैं।
दिल टूटे चाहे जितना भी
उस हिम्मत तो दिखानी ही पड़ती है।
मजबूत हो इंसान कितना भी
उसकी दास्तां उसकी आंखो
से दिखाई पड़ती है।
मेहबूब की बाहों में
दिन भी पल जैसे बीत जाते हैं।
वो तो बस मासूमियत दिखाते हैं
और हम उनकी आंखों में
खो जाते हैं।
वक़्त बीत गया इतना
बार ना तुम बदली,
ना तुम्हारी ये आंखें।
आज भी मासूमियत से
मुझे उसी तरह देखती हैं।
दिलों में बेताबी
बस दिनों के साथ बढ़ती गई।
तुम साथ थी मेरे
फिर क्यूं मुझे छोड़ गई।
आंखें तुम्हारी सच कितना बोलती हैं
तुमने ना कहा, पर जानता हूं
तुम मेरी तकदीर से मुंह मोड़ गई।
नशा कोई है दुनिया में
तो वो तेरी निगाहों का है।
मैं बस एक बार कायल हुआ
आज मुद्दातों के बाद भी असर है।
गहरा काजल जो तुम लगाती हो
धीरे से मेरे दिल को चुराती हो।
आंखें कम थी तुम्हारी वार करने को
जो अब इन अदाओं से भी मेरे होश उड़ाती हो।
मेरे दिल में तुमने
एक घर बना लिया है।
मुझे अपनी अदाओं का
दीवाना बना दिया है।
मैं तो मर मिटा था
तेरी आंखों पर
तूने काजल लगा कर
मुझे पागल बना दिया है।
एक शाम इसी अाई
जब वो दूर थी मुझसे।
दिल डूब रहा था
रोकर मानो, उसकी आंखो से
मैं बहना चाहता था।
कैसे तुझे प्यार करूं
की तेरी आंखें कभी नम ना हों।
तू खुश रहे हमेशा
तेरी जिंदगी में कोई गम ना हो।
खुदा ने सोचा बहुत होगा
तुझे बनाने से पहले।
तेरी जुल्फें, तेरी आंखें
सब बनाने से पहले।
खूबसूरती तेरे दिल में
सजाई होगी, मासूमियत
तेरी आंखो में पिरोई होगी।
आदत हो गई है मुझे
तेरे पास रहने की।
तेरे दिल में घर बनाने की
तेरी आंखों में समाने की।
आज उसने सूरमा अपनी आंखों पर सजाया है
चांद की चादर ओढ़ मेरा मेहबूब आया है।
उसके पहले दीदार से क्या होगा मेरा
उसकी आंखें देख ही, मेरा दिल भर आया है।
मेरा नाम हरि शंकर है। जो की झारखण्ड के एक छोटे से गांव में रहता हूँ। मैं GirlShayari.com का संस्थापक हूँ। मैंने इस वेबसाइट में सभी प्रकार की हिंदी शायरी को लिखने की कोशिश की है। आप अपने कमेंट करके मेरा हौसला बढ़ाए।